प्रोडक्ट बनाकर, उसकी मांग खड़ी करना या उसे विस्तरित करने के लिए अच्छी मार्केटींग स्ट्रेटेजी की जरुरत होती है। आज के प्रतिस्पर्धात्मक बाजार माहौल में ब्रान्ड प्रमोशन की महत्ता कई गुना बढ़ जाती है और भविष्य में भी बढ़ने वाली है। ऐसे ब्रान्ड प्रमोशन के लिए एक अच्छा, विशाल और सफल मंच (प्लेटफोर्म) ट्रेड शो है। दिन-प्रतिदिन इन्डस्ट्री स्पेसिफिक फेयर (ट्रेड शो) अच्छी मार्केटिंग व्यवस्था का एक मजबूत और प्रमुख चालक बलो में से एक माना जाता है जिसे रिसर्च ऑन इन्डस्ट्री के तौर पर भी महत्व दिया जा रहा है।
अपनी प्रोडक्टस, सर्विस को हाई टार्गेटेड ऑडियन्स के बिच प्रदर्शित करने का एक मजबूत और उपयोगी मंच पर प्रस्तुत करने का मौका ट्रेड शॉ या एक्जीबिशन होता है।
नेटवर्किंग, ब्रान्डिंग, कम्पीटिशन, ज्ञान, अनुभव, नई टैक्नोलॉजी का प्रस्तुतिकरण, वितरण तथा विस्तरण, प्रोडक्ट रिव्यू, नई मार्केटिंग व्यवस्था का अनुभव और फ्रेंड्स-टू-फ्रेंड बातचीत, भविष्य की योजना बनाने का अवसर तथा प्रचार-प्रसार करने का मजबूत प्लैटफॉर्म और मौका औद्योगिक या व्यापारी मेले देते है। ऐसे मेले, उत्पादक, वितरक और उपभोक्ता के बीच अच्छा संवाद करने का और एक मजबूत व्यापार कड़ी बनाने का अवसर होता है।
ऐसे मेले बिजनेश टू बिजनेश (B2B) और बिज़नेस टू कन्ज्यूमर (B2C) के रुप में होते है, जिसमे B2B मेले की अहमियत ज्यादा है। ऐसे शॉ इन्टरनेशनल ट्रेड शॉ या रिजियन ट्रेड शॉ के रूप में होते है।
देश में विभिन्न टीयर-1 और टीयर-2 शहरो में व्यापारी मेले आयोजीत होते है। देश में छोटे-बड़े 800 से ज्यादा व्यापारी मेले लगते है जिसमे से 20 प्रतिशत जितने मेले वुड एन्ड रीलेटेड प्रोडक्ट्स से जुड़े होते है। ऐसे मेले देश में अक्टूबर से लेकर फरवरी या मार्च तक ज्यादा लगते है।
विश्व में सबसे ज्यादा ट्रेड शॉ अमरीका में लगते है। भारत में ऐसे शॉ का आयोजन 200 साल 200 से अच्छी खासी संख्या में होने लगे है, जिसका सालाना टर्नओवर 20,000 करोड़ से भी अधिक होने का अनुमान है।
अमरीका, चाइना, जर्मनी, फ्रान्स सहित अनेक बड़े देशो के अलावा भारत, मलेशिया, ताईवान, इन्डोनेशिया, दुबई, बांग्लादेश, नेपाल जैसे देशो में वुड इन्डस्ट्री से जूड़े व्यापार मेले लोगो को बड़ी संख्या में आकर्षित करते है। पूरे विश्व के साथ भारत और पडोशी देशो में ध इवेन्ट एन्ड एक्जिबिशन मार्केट अच्छी खासी विकासदर से गति कर रहा है। भारत में अगले पाँच साल में यह इन्डस्ट्री 40 से 50 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है।
व्यापारी मेले प्रति बढ़ते आकर्षण के कारन देश के बड़े टीयर-1 शहरों के बाद टीयर-2 शहरों में प्रदर्शनी मेले के आयोजन में काफी बढ़ोतरी हुई है, जिसके कारन इस क्षेत्र में ऐसे मेले आयोजित करने वाली कंपनियों में काफी इजाफा हुआ है, और अच्छी-खासी स्पर्धा का वातावरण खड़ा हुआ है। सोशियल मिडिया और इलेक्ट्रोनिक मीडीया से स्पर्धा के साथ साथ यह उद्योग इस मीडीया का सकारात्मक उपयोग करने में भी कुछ हद तक सफल रहा है।
ट्रेड शॉ का महत्तम लाभ लेने में अब तक संगठित क्षेत्र की कंपनिया सबसे अधिक सफल रही है वहाँ अब मध्यम या छोटे कद की कंपनियाँ भी इसका भरपूर लाभ ले रही है।
वुड इंडस्ट्री से जुड़े ट्रेड शॉ ने भारत सहित पडोशी राष्ट्र में भी एक अच्छा और आकर्षित वातावरण तैयार किया है, जो हम आज देख रहे है। इससे संमिलित उद्योग सहित टूरिस्ट और अन्य व्यापार-उद्योग को भी बढ़ावा मिलता है.
ऐसे ट्रेड-शॉ का एक अद्भुत और विकासात्मक समय अक्टूबर से फरवरी तक शुरु होने जा रहा है जिसका लाभ लेने के लिए लाखो प्रदर्शनकर्ता और विज़िटर्स आतुर है। सभी को हमारी शुभकामनाएँ ।